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Showing posts from May, 2020

मिन्नी का लॉकडाउन

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बाल किलकारी के मई अंक में मेरी कहानी " मिन्नी का लॉकडाउन " "आज फिर तुमने प्लेट में खाना छोड़ दियाI" मम्मी ने गुस्से से कहा "मुझसे एक कौर भी खाया नहीं जा रहा हैI" मिन्नी ने मुँह बनाते हुए कहा "ये हमेशा ऐसे ही करती हैI पहले तो ज़रूरत से ज़्यादा खाना परोस लेती है और उसके बाद सारा खाना डस्टबिन में डाल देती हैI" सात साल का टिंकू बोला टिंकू का बोलना था कि मिन्नी तुरंत बोली-"तू मुझसे पूरे दो साल छोटा है तो छोटे की तरह रहI" "पर मैं छोटा होने के बाद भी कभी खाना नहीं बर्बाद करताI" टिंकू ने मुँह बनाकर चिढ़ाते हुए कहा बस फिर क्या था, मिन्नी बिल्ली की तरह उसकी तरफ़ कूदी और उसकी पीठ में एक मुक्का मार दियाI टिंकू कौन सा कम था वह मेज पर रखा मिन्नी का चश्मा लेकर भाग गयाI मिन्नी पैर पटकते हुए बोली-"मम्मी, आप देख रही हो ना, किसकी गलती है?" "हाँ, सब देख रही हूँ कि किसकी गलती हैI" कहते हुए मम्मी ने मिन्नी को गुस्से से देखा तभी वहाँ पर दादी आ गई और बोली-"लॉकडाउन के कारण ये बच्चे घर में क्या रह रहे है, बिलकु
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आज के पंजाब केसरी में मेरी कहानी "चींचीं चुहिया का इंटरनेट" पूरे घर में चींचीं चुहिया सरपट दौड़ रही थीI इतनी तेज रेस लगाने के बाद भी वह रीना से आगे नहीं निकल पा रही थीI उधर रीना एक हाथ में डंडा लिए चिल्ला रही थी-“आज इस चुहिया का इस घर में आख़िरी दिन हैI” चींचीं डर से काँपते हुए बोली-“डंडा लेकर दौड़ा रही हो, ये क्या कम है जो साथ साथ रन्निंग कमेंट्री भी चालू हैI” तभी दरवाज़े की घंटी बजीI एक पल के लिए रीना का ध्यान हटा कि चींची सीधा अपने बिल में… रीना ने सोफ़े के नीचे से लेकर कुर्सी के पाएँ तक को उठाकर देख लिया, पर सब बेकार रीना गुस्से से पैर पटकती हुई दरवाज़ा खोलने के लिए चल दी और उधर चींचीं अपने बिल में, आराम से बैठे हुए, पँखा चलाकर शरबत की चुस्कियाँ ले रही थीI सामने उसके तीनों बच्चे बिल्लू, सिल्लू और टिल्लू बैठे हुए उसे देख रहे थेI बिल्लू बोला-"आपको हमारे कारण बहुत मेहनत करनी पड़ती हैI" "हाँ, मैंने झाँककर देखा था कि आज तो आपको रीना आंटी बस पकड़ने ही वाली थी, वो तो दरवाज़े की घंटी बज गई तो आप बच गईI" "अब आप कल से मत परेशान होनाI हम बिना इंटरनेट के भी तो पढ़ा

सूरज की सर्दी

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