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Showing posts from December, 2017

Tiny Woodpecker

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Tiny woodpecker was very naughty. Whenever he perched on any tree, he could not resist pecking it. All the birds trembled in fear because whenever he nibbled any tree, the eggs fell down from the nests. They tried their best to convince Tiny but he ignored their advice and refused to budge. One day Tiny noticed two white eggs in Harry pigeon’s nest. Tiny flew and sat on the branch. When Harry saw Tiny, he understood his intentions. He kicked Tiny   and started biting him with his sharp beak. Frightened Tiny flew from there but he decided to come back at a later moment to teach Harry a lesson. After few days eggs hatched and produced snow white offsprings.Happy Harry went in search of food for her children. Meanwhile mischievous Tiny, who was waiting for such opportunity, sat on the same branch where the off springs were sitting, and started pecking it as fast as he could. Within no time the branch broke off and the nest fell on the ground. But fortunately the nest was thick a
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मेरी बाल कहानी :सिल्लू और चीनू गर्मी की छुट्टियों में अपनी दादी की यहाँ गाँव आये हुए थे और दादी से रोज तरह तरह की फरमाइश करते थे I  आज भी दोनों को सुबह से चैन नहीं था और दोनों अपनी ढपली अपना राग लगाये हुए थे I  "ना ना...हम लोग तो बगीचे में चलकर आम खायेंगे"...सिल्लू जिद करते हुए बोला  "नहीं दादी.मुझे तो आपके हाथों कि बनी हुई मीठी लस्सी ही पीनी हैं"...कहते हुए चीनू थोड़ा प्यार से इतराई मैं देखता हूँ  कि कैसे पीती हैं तू लस्सी...सिल्लू उसका हाथ मरोड़ते हुए बोला बचाओ दादी..बचाओ..कहते हुए चीनू गला फाड़कर चिल्लाने लगी ओफ्फो, तुम दोनों भाई बहन को सिवा लड़ाई झगडे के कोई काम हैं या नहीं..कहते हुए दादी ने दोनों को खींच तानकर अलग करते हुए कहा दादी की डाँट सुनकर दोनो एक साथ कान पकड़कर बोले-" सॉरी दादी" और यह सुनकर दादी मुस्कुराते हुए बोली-" पहले मैं चीनू के लिए मीठी मीठी ताजे दही की स्पेशल लस्सी बनाऊँगी और उसके बाद हम लोग सिल्लू के लिए बगीचे में चलकर आम तोड़ेंगे I हुर्रे! कहता हुआ सिल्लू ख़ुशी से उछल पड़ा "पर क्या आपको सच में आम तोडना आता हैं दादी ?" सिल्ल
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नन्हे सम्राट के जुलाई अंक में मेरी कहानी "मूर्खिस्तान का राजा कद्दू" बहुत समय पहले की बात हैI जब मूर्खिस्तान एक राज्य हुआ करता थाI वहाँ पर एक राजा राज्य करता था , उसका नाम तो था सुंदरसेन पर पूरी प्रजा उसे कद्दू कहकर बुलाती थी, और वह भी अपने इस नए नाम को खूब पसंद करता थाI दरअसल वह बहुत ही मोटा और गोलमटोल थाI वह था भी बहुत सीधा-साधा और हँसमुखI उसकी बस एक ही कमी थी कि वो ज़रूरत से ज़्यादा ही सीधा था और सबकी बात पर आँख मूँदकर विश्वास कर लेता थाI किसी भी काम के लिए वह किसी को कभी मना नहीं कर पाता था, इसलिए सब उसे बेवकूफ़ समझते थेI पड़ोसी देश का राजा चतुरसेन तो उसे हमेशा ही बेवकूफ़ बनाया करता थाI वह बहुत समय से मूर्खिस्तान को हथियाना चाहता थाI इसलिए एक बार उसने एक दूत के द्वारा अपना सन्देश कद्दू के पास भिजवायाI राजदूत कद्दू के पास गया और बोला - "अगर आप ज़मीन में बीज की जगह रंग बिरंगे तोते बो दो तो पेड़ पर ढेर सारे तोते उग जायेंगेI" कद्दू ने उसकी बात पर हमेशा की तरह बिना सोचे समझे तुरंत भरोसा कर लियाI वो तुरंत ही जंगल की ओर चल पड़ा रंगबिरंगा तोता पकड़ने के लिएI थोड़ी ही देर बाद