मिन्नी का लॉकडाउन
बाल किलकारी के मई अंक में मेरी कहानी " मिन्नी का लॉकडाउन " "आज फिर तुमने प्लेट में खाना छोड़ दियाI" मम्मी ने गुस्से से कहा "मुझसे एक कौर भी खाया नहीं जा रहा हैI" मिन्नी ने मुँह बनाते हुए कहा "ये हमेशा ऐसे ही करती हैI पहले तो ज़रूरत से ज़्यादा खाना परोस लेती है और उसके बाद सारा खाना डस्टबिन में डाल देती हैI" सात साल का टिंकू बोला टिंकू का बोलना था कि मिन्नी तुरंत बोली-"तू मुझसे पूरे दो साल छोटा है तो छोटे की तरह रहI" "पर मैं छोटा होने के बाद भी कभी खाना नहीं बर्बाद करताI" टिंकू ने मुँह बनाकर चिढ़ाते हुए कहा बस फिर क्या था, मिन्नी बिल्ली की तरह उसकी तरफ़ कूदी और उसकी पीठ में एक मुक्का मार दियाI टिंकू कौन सा कम था वह मेज पर रखा मिन्नी का चश्मा लेकर भाग गयाI मिन्नी पैर पटकते हुए बोली-"मम्मी, आप देख रही हो ना, किसकी गलती है?" "हाँ, सब देख रही हूँ कि किसकी गलती हैI" कहते हुए मम्मी ने मिन्नी को गुस्से से देखा तभी वहाँ पर दादी आ गई और बोली-"लॉकडाउन के कारण ये बच्चे घर में क्या रह रहे है, बिलकु