"हैप्पी क्रिसमस"
क्रिसमस के त्यौहार के साथ ही लोगो के चेहरों की खुशियाँ बढ़ती जा रही थीI जिसे देखो वही, बाज़ार की तरफ़ दौड़ा जा रहा थाI किसी को क्रिसमस ट्री चाहिए था तो किसी को सांता की ड्रेस, कोई रंगबिरंगी झालरें ढूँढ रहा था तो कोई बेकरी शॉप पर मनपसंद केक की खुशबू लेने की लिए खड़ा रहता थाI ऐसा लग रहा था कि सारा शहर अचानक खुश हो गया थाI इतना खुश ..इतना खुश कि जितना वह पहले कभी नहीं हुआ थाI पर इन सब के बीच में कोई बहुत दुखी भी थाI वह था जेम्सI एक पेड़ के नीचे बैठा जेम्स कई घंटों से सोच रहा था कि वह क्रिसमस कैसे मनाएगाI हर साल वह साँता क्लॉस की दाढ़ी और मूँछे बेचकर कुछ पैसे कमा लेता था पर इस साल तो उस बाज़ार में इतनी सारी दुकानें लग गई थी कि किसी ने भी उससे कुछ नहीं ख़रीदाI तभी उसके सामने से एक बच्चा अपने पापा का हाथ पकड़कर निकला और उसे देखकर रूक गयाI उसके पापा ने पूछा-"क्या हुआ?" "मुझे सांता क्लॉस वाली दाढ़ी मूँछे चाहिएI" बच्चा जेम्स को देखते हुए बोला "नहीं, हम उस सामने वाली बड़ी दुकान से लेंगेI" उसके पापा ने समझाते हुए कहा "दुकान से क्यों, मैं तो यहीं से लूँगाI...